किन्नर नही सिर्फ मैं इंसान हूँ तुम जैसी माँ इस बेरहम दुनिया मे यू न अकेला छोड़ मुझे , गलती नही मेरी , यू अंदर से न तोड़ मुझे। बाबा गलती नही मेरी, कि मैं ऐसी हूँ । माँ गलती नही मेरी , मेरा भी रक्त लाल है । मैं भी तुम जैसी हूँ। सम्मान दे सको तो देदो मुझे माँ मुझे दया नही चाहिए बाबा यू न देखो मुझे त्रिस्कार भरे नजरो से मुझे तो बस प्यार तुम्हारा चाहिए माँ गलती नही मेरी कि मैं ऐसी हूँ क्या करूँ मैं तुम्ही बताओ लडक़ी जैसे भाव मेरे जो दिखती लड़को जैसी हूँ छल कपट मैं क्या जानूं? माँ ..! छल कपट मैं क्या जानूं? माँ मैं भी तो सबकी तरह कोख़ से जन्मी क्या करूँ जो मैं बस दिखती नही तुम जैसी हूँ। यू न बचपन छीन मुझसे , मुझे अपने आँचल की छांव में रहने दे। तुझे माँ कह कर बुलाऊ, बाबा को बाबा कहने दे। किन्नर नही सिर्फ मैं , इंसान हूँ तुम जैसी। माँ इस बेरहम दुनिया मे, यू न अकेला छोड़ मुझे। गलती नही मेरी , यू अंदर से न तोड़ मुझे। बाबा गलती नही मेरी, कि मैं ऐसी हूँ ।