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अँधेरों से लड़कर ,फ़िर नई सुबह आई है, रोशनी नारंगी

 अँधेरों से लड़कर ,फ़िर नई सुबह आई है,
रोशनी  नारंगी  सी , फ़िज़ा  में   छाई   है,

पंछियों के  कलरव से ,गूँज उठा आसमाँ,
दूर कहीं   से अज़ान की, आवाज़ आई है,

मन्दिर की घण्टियों से ,कानो में रस घुला है,
गुरबाणी के  सुँदर  स्वर से, धरती अघाई है,

क़ुदरत की सुंदरता ने, हर मन मोह लिया है,
एक और   मुस्कुराती , फ़िर  भोर  आई है।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #सुबहकानमन
#भोर_हुई