इस जीवन की बस इतनी सी कहानी है दो पल का बचपन दो पल की जवानी , दो पल का बुढ़ापा फिर दो पल में इस तन को मिट्टी में मिल जाना बस इस जीवन की यहां ख़त्म कहानी हर दिन एक नई सुबह में सभी को अपने कामों में लग जाना ये वक्त कहां रुका है किसी ने कब है जाना रात के अंधेरे में सपनों ने चादर तानी पर ये खेल जिदंगी का ना चले यहां मनमानी आज जिंदगी है हंसकर जियो कल की किसने ख़बर जानी इस जिंदगी की बस इतनी सी कहानी ©Poetess Yogita Tiwari #WelcomLife