न जाने अकेले में कब इतने पल साथ बिता लिये की तन्हाई हमसफ़र बन गई । अब किसी के पास जाने में भी डर-सा लगता है, सोचता हूँ कहीं तन्हाई के साथ बेवफाई ना कर बैठूं ।। my shayari #saurabhkumar