ये इश्क़ नहीं आसां बस इतना समझ लीजे... मोहब्बत तो ऐसी जिसमें ज़िंदगी की चाहत हो मरना ही गर ज़रूरी हो तो डूबकर मरो इश्क़ ऐसा करो कि नौबतें कई बार आएं और पूछें, ये कौन सा इश्क़ है जिसमें न आग है दरिया है ख़ता की होगी किसी शायर ने दरिया में डूब जाने की मोहब्बत ज़िंदगी का नाम, रूहों के बिछड़ जाने का नहीं...।। #प्रशांत #NojotoQuote add