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माँ के सीने से ही लगे रहते थे, जब हम छोटे थे। माँ

माँ के सीने से ही लगे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
माँ के आँचल में ही छिपे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
ना किसी बात की फ़िक्र हमें रहती थी,
जब हम छोटे थे। 
ना ही किसी ज़िम्मेदारी का हमें एहसास था,
जब हम छोटे थे।
ना दौड़ भाग की अपनी ज़िन्दगी थी,
जब हम छोटे थे। 
फिर से छोटा होना है मुझको,वही ज़िन्दगी जीनी है,
जब हम छोटे थे। #JabHumChhoteThe😍 #HindiPoetry #Nojoto #Kalakaksh
माँ के सीने से ही लगे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
माँ के आँचल में ही छिपे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
ना किसी बात की फ़िक्र हमें रहती थी,
जब हम छोटे थे। 
ना ही किसी ज़िम्मेदारी का हमें एहसास था,
माँ के सीने से ही लगे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
माँ के आँचल में ही छिपे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
ना किसी बात की फ़िक्र हमें रहती थी,
जब हम छोटे थे। 
ना ही किसी ज़िम्मेदारी का हमें एहसास था,
जब हम छोटे थे।
ना दौड़ भाग की अपनी ज़िन्दगी थी,
जब हम छोटे थे। 
फिर से छोटा होना है मुझको,वही ज़िन्दगी जीनी है,
जब हम छोटे थे। #JabHumChhoteThe😍 #HindiPoetry #Nojoto #Kalakaksh
माँ के सीने से ही लगे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
माँ के आँचल में ही छिपे रहते थे,
जब हम छोटे थे।
ना किसी बात की फ़िक्र हमें रहती थी,
जब हम छोटे थे। 
ना ही किसी ज़िम्मेदारी का हमें एहसास था,