सत्य सुन कर बस सिर को हिलाते है लोग गीता राम की भुला खुद की सुनाते है लोग कब्र अपनी खोदते हरकतों से हलकान वो जमीन से उखड़े हवा में बातें बनाते है लोग अजय जैन अविराम बातें बनाते है लोग