वो शक्त नीकला बे वक्त नीकला जहा भी उसके कदम पड़े वहा सच्चाई और अच्छाई का छाप नीकला । सोचकर निकला था अपने घर से की इतिहास रचने नीकला हूँ जीवन तो आज हैं कल नहीं मैं तो सर पर कफन बाँध कर नीकला हूँ। ©Shyam Bansal Freedom fighters #zindagikerang