Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रशंसा चाहे कितनी भी करो परंतु अपमान बहुत ही सोच

प्रशंसा चाहे कितनी भी करो परंतु अपमान बहुत ही सोच समझ करना चाहिए । क्योंकि अपमान व आण है । जो हर कोई अवसर मिलने पर ब्याज सहित अवश्य चुकाता है । प्रशंसा चाहे कितनी भी करो परंतु अपमान बहुत ही सोच समझ करना चाहिए । क्योंकि अपमान व आण है । जो हर कोई अवसर मिलने पर ब्याज सहित अवश्य चुकाता है । #bikkyrajput1
प्रशंसा चाहे कितनी भी करो परंतु अपमान बहुत ही सोच समझ करना चाहिए । क्योंकि अपमान व आण है । जो हर कोई अवसर मिलने पर ब्याज सहित अवश्य चुकाता है । प्रशंसा चाहे कितनी भी करो परंतु अपमान बहुत ही सोच समझ करना चाहिए । क्योंकि अपमान व आण है । जो हर कोई अवसर मिलने पर ब्याज सहित अवश्य चुकाता है । #bikkyrajput1