जीवन में 45 पार का मर्द...... कैसा होता है ? थोड़ी सी सफेदी कनपटियों के पास खुल रहा हो जैसे आसमां बारिश के बाद जिम्मेदारियों के बोझ से झुकते हुए कंधे, जिंदगी की भट्टी में खुद को गलाता हुआ अनुभव की पूंजी हाथ में लिए परिवार को वो सब देने की जद्दोजहद में जो उसे नहीं मिल पाया था, बस बहे जा रहा है समय की धारा में बीवी और प्यारे से बच्चों में पूरा दिन दुनिया से लड़ कर थका हारा, रात को घर आता है, सुकून की तलाश में लेकिन क्या मिल पाता है सुकून उसे दरवाजे पर ही तैयार हैं बच्चे, पार्ट 1 45 year old