_______________________________________________ दुआओं की बारिश का भी असर न हो पाया। रुलाया जो मांँ को उसका कहीं बसर न हो पाया। _______________________________________________ सुप्रभात। जैसे इस धरती को आकाश का जल चाहिए वैसे ही हमारे हृदय को करुणा और संवेदना का जल चाहिए। दुआ वो स्रोत है जिससे हृदय में प्रेम का समुद्र लहराने लगता है। #दुआओंकीबारिश #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi