जला दोगे गर ये आशियां मंदिरों मस्जिद के अंगारों में फिर किस दर पर करोगे सजदे किस चौखट पर राम को पाओगे... फ़िर किस पीर को चढ़ेगी चादर कान्हा को भोग कहां लगाओगे... करके कत्ल इंसानियत का क्या खुद को इन्सां कह पाओगे..... —RAJ THINK OF OUR INDIA BEFORE U INDULGE IN RIOT'S