छुक छुक की आवाज़ और ठंडी हवाओ का शोर बस इसके अलावा कोई आवाज़ नही बिल्कुल सन्नाटा छाया , सुकून था ,इन अंधेरो मे कानों मे हल्की आवाज़ 90 के दशक के गानो की और तुम्हारा ख्याल रूह को ताज़ा कर रही थी, तुम्हारे साथ बिताये हुए पल होठो पे मुस्कान दे रही थी, वो तुम्हारा चेहरा इन अंधेरो मे भी बहुत साफ झलक रहा था ऐसे लग रहा तुम सामने ही हो बस सामने जैसे मै तुम्हे अभी छु सकता हूँ, तुम्हे गले लगा के इन ठंडी हवाओ को खुद से दूर कर सकता हूँ , नोक झोक कितना करते थे वो नोक झोक सन्नाटे को चीरते हुए कानों मे लग रही तुम्हारी नामौजूदगी का एह्साह दिला रही , इस भीड़ मे खुद को अकेला समझ रहा ,इन लोगों के बीच खुद को तन्हा समझ रहा , तेज़ रफ्तार मे खुद को धीमा कर रहा हूँ नींद आंखों मे है पर तुम्हारे इंतेजार मे ये झपक नही रही शायद इन्हें अभी मालूम नही तुम्हारे बारे मे ,तुम कितनी जिद्दी हो कितनी झल्ली हो तुम नही आओगे अब , मेरे साथ मेरे सफर मे..... . तन्हा था तन्हा इश्क़ हुआ अब गम कैसा जब हमसफर तन्हा हुआ..... #सफर #सफर #छुक #छुक #तुम #ठंडी #हवा #अरमान