जिन्दगी हमारी यूं सीतम हो गई , खुशी हमारी न जाने कहां गुम हो गई,, सब की किस्मत में लिखी खुदा ने मोहोबत हमारी बारी आई तो खत्म हो गई (रमेश दुपगा) jindgi hamari yu sitm hogy