*✍🏻“सुविचार"*📝 ☁️*“19/7/2021”*🌫️ 🌧️*“सोमवार”*⛈️ “मनुष्य” की एक अत्यंत विचित्र “प्रवृत्ति” होती है दूसरों के “विषय” में,दूसरों के “जीवन” के विषय में, उनके “भविष्य के विषय” में “अनुमान” लगाना, ये “अनुचित” है, किसी के “भूतकाल” को देखकर लोग उनके “भविष्य” का “अनुमान” लगा लेते है या फिर किसी के “वर्तमान” को देखकर लोग “भविष्य” का “अनुमान” लगा लेते है, “सत्य” तो यही है कि आप किसी के “व्यक्तित्व की विषय” में या “भविष्य के विषय” में “पूर्ण सत्य” कभी “ज्ञात” कर ही नहीं सकते, बस “अनुमान” ही लगा सकते है और “अनुमान” लगाकर कोई “लाभ” नहीं होने वाला,क्योंकि ये “काल” जो है यह “अत्यंत शक्तिशाली” है,काले से काले “कोयले” को यह “हीरा” बना सकता है,बड़े से बड़े “राजा” को “रंक” बना सकता है एक “क्षण” में, फिर आपके “अनुमान” का क्या “लाभ” ? क्या मिला “अनुमान” लगाकर ? इसलिए कभी किसी के विषय में “अनुमान” ना लगाएं,कोई “गलत धारणा” किसी के विषय में ना रखें, करें तो केवल “प्रेम”, सब में“प्रेम” बांटिए,सब में “सकारात्मक” बांटिए, ये मन सदैव “आनंदित” रहेगा... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 ☁️ *“19/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“सोमवार”*⛈️ #“मनुष्य” #“विचित्र प्रवृत्ति”