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"खामोश समंदर हूँ जज्बातों का, न उफनता हूँ, न उमड़ता

"खामोश समंदर हूँ जज्बातों का,
न उफनता हूँ, न उमड़ता हूँ,
कंकड़, पत्थर, कंटक, काँटे, 
सारे दफ्न कर सीने में चलता हूँ।" #kalakashk #nojoto
"खामोश समंदर हूँ जज्बातों का,
न उफनता हूँ, न उमड़ता हूँ,
कंकड़, पत्थर, कंटक, काँटे, 
सारे दफ्न कर सीने में चलता हूँ।" #kalakashk #nojoto