अनंत आसमानों में देखों असंख्य तारों का समूह हमें देख रहा है। बाबूजी कहते थे हमको , उ देख रहा है गोलका गोलका जोन चुक भूक कर रहा है वहीं तोहर दादा दादी हैं। तब हम बाबूजी से पूछते थे भोरे उगत हैं और सांझ में जोन डूबत रही। ऊ का हमार नाना जी हैं। और बाबू जी 🤔🤔. ##only for fun ##