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हमारी सूरत-ए-हाल कि आपको ख़बर नहीं आपके बिना अब होत

हमारी सूरत-ए-हाल कि आपको ख़बर नहीं
आपके बिना अब होती ज़िन्दगी बसर नहीं

क्या नाम दीजिए अपनी इस नादानी का
दिखी थी मंजिल फ़िर भी किया सफ़र नहीं

वक़्त के लश्कर में शामिल हैं वो पल भी
बनाया जिसके लिए हमनें कभी घर नहीं

एक शख़्स मुझी-सा मुझसे जुदा हुआ है
जो मिले कहीं तो देखिएगा चौंककर नहीं

उम्मीद का सूरज आसमाँ पर आता नज़र नहीं
या,इज़्तिराब के रात कि होती सहर नहीं #yqbaba#yqdidi#yqbhaijan#उम्मीद#बसर#ख़बर#नज़र
*सूरत-ए-हाल-स्थिति, condition
*लश्कर-सेना,army
*इज़्तिराब-बेचैनी, restlessness
हमारी सूरत-ए-हाल कि आपको ख़बर नहीं
आपके बिना अब होती ज़िन्दगी बसर नहीं

क्या नाम दीजिए अपनी इस नादानी का
दिखी थी मंजिल फ़िर भी किया सफ़र नहीं

वक़्त के लश्कर में शामिल हैं वो पल भी
बनाया जिसके लिए हमनें कभी घर नहीं

एक शख़्स मुझी-सा मुझसे जुदा हुआ है
जो मिले कहीं तो देखिएगा चौंककर नहीं

उम्मीद का सूरज आसमाँ पर आता नज़र नहीं
या,इज़्तिराब के रात कि होती सहर नहीं #yqbaba#yqdidi#yqbhaijan#उम्मीद#बसर#ख़बर#नज़र
*सूरत-ए-हाल-स्थिति, condition
*लश्कर-सेना,army
*इज़्तिराब-बेचैनी, restlessness