तेरे रूप से नहीं, रूह से मोहब्बत की थी, बस यहीं गलती कर बैठा खामियाजा ये उठा रहा हूं कि की हर चेहरे मे तेरा अक्स ढूंढ़ता हूं,,,, #खामियाजा