पूरा दुःख और आधा चाँद हिज्र की शब और ऐसा चाँद दिन में वहशत बहल गई रात हुई और निकला चाँद किस मक़तल से गुज़रा होगा इतना सहमा सहमा चाँद......! #parveen ©Navash2411 #नवश