चेहरा है या चाँद खिला है, आपको पहली बार देख कर तो मुझे यही लगा की पूर्णिमा का चांद गगन पर नहीं धरती पर खिल रहा है। चांद की तरह चमकता हुआ आपका चेहरा, मोती की तरह चमकते हुए आपके दांत, और गुलाब की तरह खिलती हुई आपकी मुस्कान, आप मुझे बहुत प्यारे लगे।। - इचु शेखावत बेस्ट फ्रेंड रेखा राठौड़