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एक नेकदिल हसीना होनी भी जरूरी है, दो पल साथ जीने क

एक नेकदिल हसीना होनी भी जरूरी है,
दो पल साथ जीने की नज़ाकत होनी भी जरूरी है,

मोहब्बत होना काफी नहीं,
मोहब्बत होना काफी नहीं,
उसे निभाने की आरज़ू होनी भी जरूरी है..

~आशुतोष भारती नज़ाकत- नाज़ुक होने का भाव, सुकमारता
आरज़ू- इच्छा, कामना, अभिलाषा

#Love #Life
एक नेकदिल हसीना होनी भी जरूरी है,
दो पल साथ जीने की नज़ाकत होनी भी जरूरी है,

मोहब्बत होना काफी नहीं,
मोहब्बत होना काफी नहीं,
उसे निभाने की आरज़ू होनी भी जरूरी है..

~आशुतोष भारती नज़ाकत- नाज़ुक होने का भाव, सुकमारता
आरज़ू- इच्छा, कामना, अभिलाषा

#Love #Life