फ़ज़ाओं में थोड़ा फिर खौफ घुल आया है, एक पाखंडी का जो नकाब उतर आया है. सलीक़ा-मंद बने फिरते थे ये बाज़ारों में, किसी ने फिर अंधेरों में चराग़ जलाया है. #YQbaba #Dimri #YQdidi #yqbhaijan #RamRahim