सासो में बसेंगे इत्र की तरह, बीते हुए लम्हों के जिक्र की तरह, दीवानों के चित्र की तरह, कुछ तो लोग कहेंगे मित्र की तरह, दर्द ही लेती जाती वो और नहीं बताती वो! फ़िक्र भी है करती वो और पास भी नहीं आती वो!! कितना सताती वो, फिर भी नहीं जताती वो! क्या यही सोचकर इश्क नहीं निभाती वो!! PC