बराबरी तो दूर की बात है,जब नारी का अपना अस्तित्व ही नहीं है.................युगों-युगों से अपने वजूद को तलाशती नारी माँ, बहन, बेटी ,पत्नी के दायित्वों में ही उलझ कर रह जाती है. त्याग, दया ,चरित्र संस्कार, लज्जा इत्यादि शब्दों से उसे इस कदर बाँधा जाता है कि वह चाह कर भी अपने बारे में सोच ही नहीं सकती. आज भी वह अपने फैसले लेने में स्वतन्त्र नहीं है "पुरूष राम की जगह रावण भी हो तो सब सही है, पर नारी सीता ही होनी चाहिए", जब तक यह सोच नहीं बदलेगी,तब तक समानता सिर्फ पन्नों में ही दबकर रह जाएगी #Women #nojoto #nojotohindi #kalakaksh #kavishala #hindinama #tst #thought #equality#womenequalityday #genderequality #truth #life #Society #kiranbala