उस दिन जागा था सूरज कुछ ख़्वाब लेकर, राणा प्रताप के उलझनों की जवाब लेकर । जैसे लगा आघात चेतक के पैरों में, रण क्षेत्र छोड़ा चेतक राणा को घायल देख कर । जागा सूरज भी ढल गया खेद से, राणा को चेतक के लिए रंज को देख कर । ©Mahendra Kumar Behera #maharanapratap #chetak #legend Bharat Mata Ka Veer Putra #MaharanPratapJayanti