यू तो बेखबर थी,संसार के पहलू से खोई थी,भीड़ मे किताबों का हथियार लिए उम्मीद के सागर मे,तैर रही थी आंँखो में,साहिल के सपने सजाए अस्त-व्यस्त थी,अपनी दुनिया मे, उसी वक्त ,किसी का साथ पसंद आया यु तो खुब आशकि देखी मैंने,पर मजा तो ईश्क मे डुब तेरा हाथ पकड़ना पसंद आया आशिक तो कई थे मेरे,पर मुझे तो तेरे हाथों जख्मी होना पसंद आया, सानो-सौगत मे जीते थे हम, सानो-सौगत मे जीते थे हम, पर इन दिनो तेरी चाहत मे लैला बन तेरे आगे पिछे घुमना पसंद आया यू तो सक्त थे हम,यू तो सक्त थे हम पर तेरे नजरों मे लाचार होना पसंन आया, मरीज देखना पेशा हैं मेरा, यू तो मरीज देखना पेशा हैं मेरा, ईश्क मे तेरा मरीज बना पसंद आया यू तो सब कुछ है मेरे पास, यू तो सब कुछ है मेरे पास, पर मुझे तो तेरे ईश्क मे लुट बरबाद होना पसंद आया, यू तो बेखबर थी,संसार के पहलू से पर मुझे तेरा मुझसा होना पसंन आया पर मुझे तेरा मुझसा होना पसंन आया।।। -Ladli Ekta