कई रंग है ,देखो तितलियाँ नहीं जंग ये ,रात सिसकियाँ है दौड़ भी और दूरियाँ मेरे ख़्वाब की, हसीन मस्तियाँ लगे रूह भी ,तलबगार है ये चार पल,मुक़्क़म्मल प्यार है फिर चल पड़े ,कहीं दूर हम इस सफ़र को मंज़िल ,नागवार है कहती है क्या ,तुम्हारी हिचकियाँ कई रंग है, देखो तितलियाँ कई रंग है,देखो तितलियाँ #पारस #सफर #ज़िन्दगी #तितलियाँ