वफ़ा की फ़रमाइश , तुम करते हो क्यों ; साये की आज़माइश तुम करते हो क्यों ? ये बदन ये दिल मेरा , संगेमरमर तो नहीं ; नाज़ुक हाथों से इन्हें कुतरते हो क्यों ? ये आशिक़ी !! सीखी किधर से तुमने ; ज़ुल्म किया करो हम पर , ज़ुल्म सहते हो क्यों ? #nojoto #nojotohindi #suyogyasingh #suyogya #aviadeez #ishq