दुनियां के गुलिस्तां से गुल-ए-गुलाब और एक माहताब सा यार चुराया है हमने। दुनियां की नजरों से बचाकर, खुदा ने भेजा उसे जमीन पर और पाया है हमने। इजहार-ए-मोहब्बत करके कहकशां-ए-इश्क का हसीन ख्वाब सजाया है हमने। दिल की बेकरारी मिटाने वाला, मेहर-ओ-माह सा एक अहबाब पाया है हमने। #Contest 8(Hindi) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 चार पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,