अब चल बसाये ख्वाबों का जहाँ, जहाँ न हो द्वेष का नामोनिशान, बरसती हो जहाँ नेमतों की बारिश, सम्मान करिये सबका यही गुज़ारिश, भाईचारे में ही बंधुत्वता शामिल है, ममतामयी मूरत में ही नेक दिल है, क्रोध से समय व शरीर विनष्ट होता है, अमर्षित व्यक्ति अपना साहस खोता है, नेक विचारों में नेक कर्मराह मिलती है, ये दुनिया ज़ालिम,चालबाजों से चलती है। #apki_lekhani #apk_lekhani चलबसाये_ख्वाबोंकाजहाँ *time limit - today 12 am *line limit -10 *them -poetry आप सबको दिए गए विषय पर कविता के रूप में अपनी रचना लिखनी है लिखने के बाद रचना अवश्य जांच लें और कमेन्ट बॉक्स में डन लिखना ना भूले #YourQuoteAndMine Collaborating with Apki Lekhani