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जब जब तेरे करीब आता हूँ मैं मदहोश इश्क में बिखर ज

जब जब तेरे करीब आता 
हूँ मैं मदहोश
इश्क में बिखर जाता हूँ मैं,
तेरी तपती 
ख्वाहिश लेकर मुझें समाने की ,
मैं मोह बर्फ तिल तिल 
पिघल जाता हूँ 
सुर्ख अधरों की आग  लिए 
प्रेम रस सुधा मैं 
आनंद के गोते लगाता मैं , 
खुलने को 
बेताब बंद सुर्ख गुलाब 
कोमल कलियाँ 
समेटने को सारा संसार
जैसे प्यास खींचें कई सौं 
बार उस मादकता को
महकाता मैं #neerajwriteserotica 
जब जब तेरे करीब आता हूँ मैं मदहोश
इश्क में बिखर जाता हूँ मैं तेरी तपती 
ख्वाहिश लेकर मुझें समाने की , मैं मोह
बर्फ तिल तिल पिघल जाता हूँ सुर्ख अधरों
की आग  लिए प्रेम रस सुधा मैं आनंद के
गोते लगाता मैं , खुलने को बेताब बंद सुर्ख
गुलाब कोमल कलियाँ समेटने को सारा संसार
जब जब तेरे करीब आता 
हूँ मैं मदहोश
इश्क में बिखर जाता हूँ मैं,
तेरी तपती 
ख्वाहिश लेकर मुझें समाने की ,
मैं मोह बर्फ तिल तिल 
पिघल जाता हूँ 
सुर्ख अधरों की आग  लिए 
प्रेम रस सुधा मैं 
आनंद के गोते लगाता मैं , 
खुलने को 
बेताब बंद सुर्ख गुलाब 
कोमल कलियाँ 
समेटने को सारा संसार
जैसे प्यास खींचें कई सौं 
बार उस मादकता को
महकाता मैं #neerajwriteserotica 
जब जब तेरे करीब आता हूँ मैं मदहोश
इश्क में बिखर जाता हूँ मैं तेरी तपती 
ख्वाहिश लेकर मुझें समाने की , मैं मोह
बर्फ तिल तिल पिघल जाता हूँ सुर्ख अधरों
की आग  लिए प्रेम रस सुधा मैं आनंद के
गोते लगाता मैं , खुलने को बेताब बंद सुर्ख
गुलाब कोमल कलियाँ समेटने को सारा संसार