बैठ तपस्या कर रहा था वो अघोरी कैलाश पे, हो रहा था समुन्द्र मंथन पर्वत और शेषनाग से, सुख निकली, शांति निकली कई रत्न निकले उस मंथन में, दया ,प्रेम, अमृत निकले और नवरन्त निकले उस मंथन में, बहुत देर से कुछ ना निकला और अचानक विष निकला उस मंथन से, फट गया नभ तीनों लोक त्राहि माम् हो गया राक्षसों और देवों के क्रंदन से, अब इस विष को पियेगा कौन, वहाँ सबको जीवनदान चाहिए, अमर रहना सबको था वहाँ, सबके उनके प्राण चाहिए, माँ गौरी गयी शिव के पास, बताई उनको मंथन की बात, जब शिवजी आये वहाँ तो देवों ने जोड़े कर अपने , और झुका लिए अपने शीश, उतरे महादेव समुन्द्र में और आँख बंद करके पी गए सारा विष, नभ से पुष्प-वर्षा हुई, हो गई तेज वायु की वेग, तीनों लोके में जयकारा होने लगा "हर हर महादेव"। हर हर महादेव। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #shiva #shankar #mahadeva #shivaratri #quote