" ये जो मै और मेरी जिंदगी है न ,मानो ये किसी जलेवी के जैसे घूम रहे हैं पहलू मे मेरे ही ,और ये जो तुम हो कि ,उस चाशनी के जैसे मिठास भर जाया करती हो उसमे हर रोज अपने ही अंदाज मे, ये जो मै हूँ न कि हर रोज जब जिंदगी की इस तेज आँच पर सिक रहा होता हूँ किसी पहर और ये जो तुम हो , कि एक फुकनी की फूंक सी मेरी आँच को धीमा कर मुझे सुकून दे जाया करती हो , ये जो मै हूँ न कि हर दफा तुम्हारी इस कशिश से दायरा बनाए रखना चाहता हूँ और ये जो तुम हो ,कि उतनी ही संजीदगी से बड़े से उस पतीले मे रखी चाशनी के जैसे खुद मे ही डुबा लिया करती हो मुझको, ये जो मै हूँ कि हर वक्त तुम्हारे उन कड़वे किस्सो को याद रखा करता हूँ और ये जो तुम हो ,कि उतनी ही मिठास.से कड़वाहट को बेस्वाद कर दिया करती हो ये जो मै हूँ न कि हर रोज तुमसे फासले बना खुद पर काबू करना.चाहता हूँ और ये जो तुम हो ,कि हर रोज चाशनी मे डूबी उस जलेबी की सूरत मे आ सामने मेरे मुझे बेचैन कर जाया करती हो " #NojotoQuote