चार किताबे पढ़कर यहा कुछ #हासिल नहीं हुआ, बिना धोखा खाए जिंदगी मे कोई #काबिल नहीं हुआ, ज़ख्म इतना गहरा दिया और मौत भी नसीब नहीं हुई, मेरे यार सा इस जहाँ मे कोई #कातिल नहीं हुआ, हर वक्त दुआ करके रोते थे हम दो लोग इतने करीब आकर भी #इश्क मेरा कामिल नहीं हुआ, आज #महफ़िलों मे शायरी सुन सब दाद देते है, कभी गुस्से मे उसने कहा था #अनस तुमसा कोई #पागल नहीं हुआ... ✍️🌹 ❤️ ©Anas Akbari #NationalSimplicityDay