लाड दुलार से बड़ी किया था मैंने जिसको..! आज वो बेटी पल भर में हो गई धन पराया..! विदा की जब घर से डोली छलक गए आंसू..! क्या करता बाप था खुद को संभाल नहीं पाया...! जिगर का टुकड़ा सौंपना पड़ता है और के हाथों...! या खुदा बाप बेटी का तुमने क्या रिश्ता है बनाया..! जेसीपी जसवीर 9872812115 #बेटी_की_विदाई