(उस "हम" ने फिर "मै" बना के छोड़ा कदम बढ़ा हम ने वक़्त देखा जो वक़्त के शिशिले छुपी हम के कई ख्वाब थे) मिल जुल सुबह दोपहरी शाम होती, अखियन में बसे मिलन के राज होती , हम लिये चाय को हाथों में बीते लम्हों की बातें होती , गरम चाय लिये हाथों में उसपे अटकी मेरी निगाहें होती, हम मीठे होंटों से दबी सी कुछ बात कहता, सुन चहक के उसके होंटों की मुस्कान हम से ये कहता तेरे सिवा चाय किसी की रास ना आती, फिर उठे कदम कुछ साथ चलता ,साथ कदम यू चलते- चलते उसकी हाथ - हाथ में आ जाती, खीचे डोर यू रात आती ,फिर तन्हा छोड़ वो घर को जाती, चढ़ा इश्क़ यू दूर होता ,बुद्धू हम मयुस घर को आता, #NojotoQuote #NojotoVideo #nojotoaudio #nojotopoetry #nojotipoem #nojoto #hindi #poem #kaviakash #kavishala #love #saath