आतंकवाद हमारी मासूमियत को किसी ने इश्क के बाज़ार मैंने नीलाम कर दिया वरना हम बी आंतकवाद के खिलाफ थे #आतंकवाद #हम #बी शोंक से #जीना चाहते ##है साहिब####