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bench उफ़ ये सर्द रातें उस पर कोहरे का पहर

bench उफ़ ये सर्द रातें 
        उस पर कोहरे का पहरा 
       निशा पर डाल रखा है
       कोहरे  ने डेरा ।
       
        हर पत्ती पत्ती डाली डाली ने
        पहना चुपी का गहना
        जुगनू भी मोन हो गए
        जब लगा कोहरे का पहरा ।
        
        आसमां भी ओझल है 
        ओढ़ रखी  झीणी चादर
        चंदा झाँक रहा उसमे से
         देख रहा धरती का मंजर ।
         
         भोर की एक किरण पड़ते ही
          हटा देती कोहरे का पहरा
          जाग उठती हर पत्ती पत्ती
          खिल जाता फूलों का चेहरा ।

jyoti bhandari

©आगाज़
  #sard raaten aditi the writer Niaz (Harf) khayal kalam ke Kamaal Husain DASHARATH RANKAWAT SHAKTI