यादों का घर कैसे रूकशत करूँ, तुझे दिल से यादों का घर है, कोई रेत का घरौंदा तो नहीं.. वो जाते-जाते कहने लगा, भुला दो मुझे 😊😊😊😊😊 तू मुस्तकबिल है मेरा, कोई आता जाता लम्हा तो नहीं... "मान्धाता पटेल" यादों का घर