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गुजरे हुये लम्हों को,क्यों याद कर रहे हो। टूटते ख्

गुजरे हुये लम्हों को,क्यों याद कर रहे हो।
टूटते ख्वाबों से क्यों फरियाद कर रहे हो।।
मेरी आँखों की चमक में,मंजिलों का राज था।
ऐ मेरे सपन सलोने, क्यों मुझे बर्बाद कर रहे हो।।

©Shubham Bhardwaj
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