He thought and taught to the world that he was the one behind India's independence because of his 'No-Violence Policy' But the truth is something else.. चरखा चलाने और गाल पर थप्पड़ खाने से आज़ादी नही मिली है साहब, देश को गुलामी से मुक्त करने के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद की तरह बलिदान देन पड़ा है शहीदों को... अगर आपके सामने आपके प्रियजनों की आबरू लुटती रहे तो क्या करेंगे आप? दोनों गाल पर थप्पड़ खाएंगे या उनसे लड़ेंगे? 'सोच आपकी, फैसला आपका' #MahatmaGandhi #TheRealTruth