एक इलाहाबाद का छात्र कैसे जीता है। सुबह उठकर चाय और अखबारों के पन्ने पलटाता है। एक सपना देखता है,अपने जज्बातों का । हर गम की पीड़ा में आदतों का मरहम लगता है। अवर्तसरिणी हो या सविंधान सबकी तस्वीर लगता है। फिर पाइथागोरस का भजन रोज गाता है। स्वाध्यायी के ये तरीकों को वो अपनाता है । फिर भी नोकरी का गूलर जल्द नहीं वो पाता है। घर से जब माँ का फोन आये पूछती है हाल-चाल और घर कब आओगे । इतना सुनकर संकोच से मन उसका घबराता है । फिर कहता है माँ एक साल और ही बताता है । -SHRADHEY- #Nojoto#student#student life