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भर दोनों हाथों में गुलाल फीका रह न पाए कोई गाल। प

भर दोनों हाथों में गुलाल
फीका रह न पाए कोई गाल।

प्रेम अलाप छेड़ तन मन में
कहीं रह न पाए रंज मलाल।।

वसन्त रंगों का त्योहार है 
चारो ओर फूलों की बहार है।

धोलें आज राग द्वेष सारे,
भीग जा रंगों की बौछार है।।

होली खेल ये ही तो रास है 
होली के रंगों में ही उल्लास है।

प्रेम प्रेम से प्रेम का इजहार करे 
होली प्रीत का मधुमास है।। happy holli
भर दोनों हाथों में गुलाल
फीका रह न पाए कोई गाल।

प्रेम अलाप छेड़ तन मन में
कहीं रह न पाए रंज मलाल।।

वसन्त रंगों का त्योहार है 
चारो ओर फूलों की बहार है।

धोलें आज राग द्वेष सारे,
भीग जा रंगों की बौछार है।।

होली खेल ये ही तो रास है 
होली के रंगों में ही उल्लास है।

प्रेम प्रेम से प्रेम का इजहार करे 
होली प्रीत का मधुमास है।। happy holli