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रात से रिश्ता ना रखो, ये अंधेरे का घर है, यहाँ ख़्

रात से रिश्ता ना रखो, ये अंधेरे का घर है,
यहाँ ख़्वाब टूटते हैं और ग़म का सफ़र है।
रात के सन्नाटे में, दर्द की सरगोशी है,
हर लम्हा यहाँ बस तन्हाई की खामोशी है।
इन अंधेरों में उलझने से बेहतर है सुबह का इंतजार,
जहाँ उम्मीद की रोशनी हो, और दिल को करार।रात की चादर में छुपे हैं कई राज़ गहरे,
सिर्फ़ वो ही समझे, जो खुद भी हों अधूरे।

©silent_03
  #Rishta #ratkaadhera#sad