रब तु आज कल क्यों बिकता है यू नफरतों के गलियारों में , रब ने मुझ से कह दिया बिका कल भी नहीं , और न आज भी बस बात इतनी है तुमने मुझे बिका दिया आत्मा के गलियारों से और मुझसे पूछते हो की में कैसे बिकता हूं, #Frien#dship #rab Vineet ananĐ कवि देवीलाल पंवार