मां के बाद मां के बाद, क्या कोई था मेरा ? पिता के बाद, सचमुच कोई न था मेरा क्यू छोड़ा अकेले अपने मैं तो अभी छोटा ही हूं, बड़ा नहीं हुआ आपसे मां आप ही तो थी जो सबको बांध कर रखा था आप सही में मांजी थीं। अकेले में आपकी आवाज पीछा करती है अकेले में मैं फिर से छोटा बनकर घर आता हूं स्कूल से भागते, घर आकर,आपके पास खाना खाता हूं फिर भागकर सबसे पहले स्कूल पहुंच जाता हूं न फोन था न मोबाइल, फिर भी आपको खबर होता था ,मेरे आने का, मैं इतिहास नहीं बनना चाहता,जीना चाहता हूं,सबके साथ, आपके साथ, अपनों के साथ। मेरा प्यार,मेरी बच्ची, मेरा बच्चा आपका हीं तो है, जैसे मैं मैं अपनी दादी के साथ,सोना चाहता हूं, अपनी मां की कंधों पर सिर रखना चाहता हूं, मैं अपनी दीदी के साथ मार -पिटाई खेलना चाहता हूं,भाई के साथ पढ़ाई चाहता हूं। क्यू दूर हो गये सब, मैं क्यू बड़ा हो गया। जाना चाहता हूं मैं, पुराने दिनों में, जहां तंगी भी तंग नहीं कर सका, पापा की कमीज़,भाई का पैंट,और आपका पल्लू चाहिए। मां के बाद