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टफी एक माह का था, जब पापा ने मुझे गिफ्ट किया था। व

टफी एक माह का था, जब पापा ने मुझे गिफ्ट किया था। वो मुझसे इस कदर हिल मिल गया जैसे जन्मों से जानता हो मुझे। अचानक कुछ दिनों बाद उसकी तबीयत खराब हो गई,उसकी सेवा और देखभाल में मैंने रात दिन एक कर दिया, करीब महीने भर के इलाज के बाद वो बिल्कुल ठीक हो गया। हम दोनों की दोस्ती घर वालों को खलने लगी और सभी उसे घर से निकालने का जतन करने लगे। आखिर उसे हमारे दुकान के स्टाफ को दे दिया गया। वहां उसने मुझसे बिछड़ने के गम में खाना पीना छोड़ दिया और रात दिन आंसू बहाने लगा। उसकी ऐसी दशा देखकर उस स्टाफ ने दस दिनों बाद ही, वापस उसे हमारे हवाले कर दिया। मुझे देखते ही टफी एक्साइटेड होकर भागने दौड़ने लगा,दो बिछड़े दिल फिर से एक हो गए थे, फिर कभी जुदा न होने के लिए।

©Nilam Agarwalla
  #मेरा_दोस्त