----- है कोई कवि ----- एक दिन में ना बनता , है कोई कवि , रोज उगता और ढलता , है वोही रवि , यू निरंतर तो हम भी लगे ही रहे , चंद दिन में न बनती , है कोई छवि , ( यह रवि अर्थात सूरज ) # कवि कुमार यशास " एक युवा कवि शायर " ek din me Na banta hy koi kavi...