मेरी भूली-भटकी प्रतिभा, अपनी ही कला में इतराती है, जब बिना बताये मेरी बिटिया, मेरे जैसा कुछ कर जाती है। नम आँखों में ममता मुस्कुराती है, अपने करतब से जब वह रिझाती है, बाल सुलभ उसकी क्रीड़ायें, मेरे थके मन को गुदगुदाती हैं मेरी भूली-भटकी प्रतिभा, अपनी ही कला में इतराती है, जब बिना बताये मेरी बिटिया, मेरे जैसा कुछ कर जाती है।